विपणन विभाग
विपणन विभाग
वर्ष 1978 में निगम को लघु स्तरीय औद्योगिक क्षेत्र के विपणन सहयोग एवं राज्य शासन की केंद्रीय क्रय संस्था के रूप में कार्य करने की दोहरी भूमिका निभाने का लक्ष्य दिया गया। विगत चार दशकों से भी अधिक समय से मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योंगों के विकास को बढ़ाया।
लगभग 250 लघु स्तरीय इकाईयां विभिन्न उत्पादों के निर्माण में कार्यरत है, जैसे कि केमिकल्स, फर्नीचर, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, पाइप एवं फिटिंग, कम्प्यूटर एवं पेरिफेरल्स, स्टेशनरी आदि के लिए विपणन सहायता प्रदान की गई है।
विपणन विभाग के उद्देश्यः-
- प्रदेश की लघु स्तरीय औद्योगिक इकाईयों को विपणन सहयोग प्रदान करना।
- विभिन्न शासकीय विभागों को प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर एवं विशेष गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय पर सामग्री की आपूर्ति।
- आपूर्तिकर्ता इकाई एवं क्रय विभाग को गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करना।
क्रयकर्ता विभागों को प्रोक्योरमेंट में सहायता
म.प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा GeM पोर्टल पर विभागों के कार्यों में शासन द्वारा निगम के लिए निर्धारित 02 प्रतिशत अग्रिम सेवा शुल्क के साथ क्रेता विभाग द्वारा निगम को बायर बनाये जाने की स्थिति में निम्नानुसार सहयोग प्रदान किया जा सकता है:-
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विभागों द्वारा वांछित उत्पादों के उपलब्ध कराये गये स्पेसिफिकेशन में आवश्यक अनुशंसा, क्वालिफिकेशन क्राईटेरिया, निविदा शर्तों के साथ सम्पूर्ण निविदा दस्तावेज तैयार कराया जा सकता है।
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विभागों की मांग पर वांछित उत्पादों की निविदाएं निगम द्वारा NIC के पोर्टल पर अथवा GeM पोर्टल पर आमंत्रित करते हुए उनका टेक्नो कामर्शियल मूल्यांकन कराते हुए दर निर्धारण किया जा सकता है।
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विभागों द्वारा यदि सामग्री का भुगतान निगम के माध्यम से कराने की मांग की जावे, तो भुगतान योग्य राशि अग्रिम में निगम में उपलब्ध कराना होगा, ताकि GeM की शर्तों के अनुसार सामग्री प्रदाय के 10 दिवस के अन्दर संबंधित प्रदायकर्ता इकाईयों को निगम द्वारा भुगतान कराया जा सकता है ।
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विभागों द्वारा GeM पोर्टल के माध्यम से क्रय की जाने वाली सामग्रियों की प्रदाय स्थिति की निगरानी (monitoring) का कार्य भी निगम कर सकता है ।
निगम में निविदा आमंत्रण से लेकर प्रदाय आदेश जारी करने का कार्य पूर्ण पारदर्शी
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म.प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा वर्तमान में समस्त निविदाएं NIC के पोर्टल https://mptenders.gov.in पर आमंत्रित करते हुए दर निर्धारण किया जाता है।
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उत्पादवार निर्धारित दरें तथा अनुबंधित इकाईयों की जानकारी NIC के पोर्टल https://eproclun.mpmsme.gov.in पर अपलोड की जाती है।
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क्रयकर्ता विभागों द्वारा सीधे ऑनलाइन प्रदाय आदेश उक्त पोर्टल https://eproclun.mpmsme.gov.in पर दर्शित इकाईयों को जारी किये जाते हैं।
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सामग्रियों का प्रदाय पूर्व निरीक्षण तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसियों द्वारा विडीयोग्राफी के साथ करते हुए निरीक्षण प्रमाण पत्र उक्त पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।
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इस प्रकार निविदा आमंत्रण से लेकर प्रदाय आदेश जारी करने का कार्य ऑनलाइन होने के कारण पूर्ण पारदर्शी है तथा मानवीय हस्तक्षेप की संभावना न्यूनतम है।
कार्य-योजना एवं लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु की जाने वाली गतिविधियां:-
- प्रदेश की लघु स्तरीय औद्योगिक इकाईयों को विपणन की सुविधा प्रदान करना।
- प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री की खरीद में राज्य शासन के विभागों एवं उपक्रमों को सहायता प्र्रदान करना।
- ई-गवर्नेंस के लिए ई-टेंडरिंग एवं दर निविदा प्रणाली प्रारंभ करना।
- ई-पोर्टल पर उपयोगकर्ता विभागों के लिए दर निविदा आदि से संबधित जानकारी उपलब्ध हैं। मांगकर्ता/विभाग स्तर पर क्रियान्वयन की सुगमता के लिए क्रय प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण किया गया है।
लघु उद्योग निगम के माध्यम से क्रय के लाभ:-
- क्रय विभाग को निर्दिष्ट विशेषतायुक्त सामग्री की प्राप्ति।
- संपूर्ण प्रदेश में समान विशेषता एवं दरें।
- ई-टेंडरिंग के माध्यम से केंद्रीयकृत निविदा आमंत्रण के कारण प्रतिस्पर्धी दरंे।
- निविदा आमंत्रण एवं दरों के अंतिमीकरण में लगने वाले शासकीय विभागों के समय, श्रम एवं धन की बचत।
- दरों के अंतिमीकरण एवं सामग्री की आपूर्ति में पूर्ण पारदर्शिता।
- मध्य प्रदेेश लघु उद्योग निगम के माध्यम से की आपूर्ति की गई सामग्री तीसरे पक्ष द्वारा पूर्व-वितरण निरीक्षण के अधीन है।
शासन को लाभ:-
- प्रतिस्पर्धी दरों के कारण राज्य शासन की बचत।
- प्रदेश में औद्योगिकरण को बढ़ावा।
- राज्य शासन की औद्योगिक नीति का क्रियान्वयन।
लघु स्तरीय औद्योगिक इकाईयों को लाभ:-
- शासकीय खरीद में प्राथमिकता, संपूर्ण प्रदेश में बार-बार निविदा में भाग लेने की आवश्यकता नहीं।
- केंद्रीयकृत विपणन सुविधा।